Bihar Politics: बिहार में खाली हुई दो राज्यसभा सीटों के लिए एनडीए में डील फाइनल हो गई है. इन दोनों सीटों पर भाजपा की दावेदारी तय हो चुकी है.
Patna Bihar Politics : लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद बिहार में दो राज्यसभा सीट खाली हो चुकी है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इन दोनों सीटों पर जल्द ही उपचुनाव हो सकता है. ये दोनों सीटें भाजपा के विवेक ठाकुर और मीसा भारती के लोकसभा सदस्य चुन लिए जाने के कारण खाली हुई हैं. इस बीच खबर आ रही है कि एनडीए गठबंधन की तरफ से इन दोनों सीटों पर भाजपा की दावेदारी तय हो चुकी है.
दरअसल भाजपा के पास विवेक ठाकुर वाली सीट तो पहले से तो थी ही वहीं अब विधानसभा में संख्या बल के कारण राजद की मीसा भारती वाली सीट भी भाजपा के पक्ष में जा रही है. एनडीए गठबंधन में इसके लिए अंतिम रूप से सहमति भी हो चुकी है. इसके एवज में जदयू को विधान परिषद की दो सीटें मिली हैं. जिसमें जदयू के भगवान सिंह कुशवाहा को विधानसभा कोटे की एक सीट पर निर्विरोध विधान पार्षद चुना जा चुका है. बता दें कि राजद के रामबली सिंह सदस्यता समाप्त होने के बाद यह सीट रिक्त हुई थी. बता दें कि राज्यसभा की एक सीट पर रालोमो (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा स्वयं को प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं. ऐसे में अब बची एक सीट पर भाजपा के कई नेताओं की नजर टिकी हुई है.
वहीं अब दूसरी सीट स्नातक कोटे की है, जहां पिछली बार के विजेता रहे देवेश चंद्र ठाकुर जेडीयू के टिकट पर लोकसभा पहुंच चुके हैं. इस बीच जेडीयू के एक प्रवक्ता ने बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक की रिक्त सीट पर अपने आप को भावी प्रत्याशी घोषित कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आशीर्वाद प्राप्त होने का भी दावा किया है. ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग की ओर से उप चुनाव की घोषणा के बाद जदयू इस सीट पर किस पर दांव लगाती है.
कई दिग्गज पहुंचे थे रुपौली लेकिन फिर भी नहीं जीत सके कलाधर
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, उप सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, नीरज कुमार बब्लू, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह सहित दर्जनों नेता रुपौली पहुंचे थे।फिर भी जदयू की जीत नहीं हो सकी।
बीमा भारती (Bima Bharti) तीन बार जदयू के टिकट पर जीती थीं। जदयू के लिए यह लगातार जीतने वाली सीट रही है। इसी साल फरवरी में CM Nitish Kumar जब विश्वास मत हासिल कर रहे थे, राजद ने राजग के दर्जन भर विधायकों को विश्वासमत के विरूद्ध मतदान के लिए राजी कर लिया था। उनमें बीमा भी थीं।
CM Nitish Kumar ने बीमा भारती के बारे में पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी
योजना की जानकारी राजग के नेतृत्व को लगी तो बचाव के उपाय किए गए। राजग के बदले राजद और कांग्रेस के विधायक टूट कर सत्ता पक्ष में बैठ गए। लेकिन, बीमा अंतत: जदयू से अलग हो गईं। उसी समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह जदयू के वोट से जीत कर आईं हैं और दल से अलग होकर चुनाव नहीं जीत सकती हैं। बीमा राजद टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव लड़ीं। तीसरे नम्बर पर रहीं। रूपौली उप चुनाव में भी उन्हें यही दर्जा हासिल हुआ।
बीमा भारती के लिए विपक्ष का भी बड़ा जमावड़ा
रूपौली उप चुनाव में सिर्फ राजग का सबकुछ दांव पर नहीं लगा था। विपक्षी महागठबंधन भी इसके परिणाम के आधार पर अगले विधानसभा चुनाव के लिए सपने बुन रहा था। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने लोकसभा में नए बने राजद संसदीय दल के नेता अभय कुशवाहा को रूपौली में इस लक्ष्य के साथ लांच किया था कि कुशवाहा वोटर राजद उम्मीदवार के पक्ष में जम कर मतदान करेंगे।
विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी भी डटे थे। यहां राजद के माय समीकरण की एकजुटता भी दड़क गई। लोकसभा चुनाव में निर्दलीय की हैसियत से बीमा भारती की जमानत जब्त कराने वाले पप्पू यादव उप चुनाव में उनके लिए (बीमा भारती) वोट मांग रहे थे।
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