सोमवार, 5 अगस्त 2024 को भारतीय शेयर बाजार ने एक ऐसे डरावने सपने का सामना किया जिसे कई निवेशक भूल चुके थे। आज के दिन भारतीय मार्केट में जो देखने को मिला, वह कोरोना महामारी के समय भी नहीं हुआ था। वैश्विक बाजारों में बिकवाली का जो आलम था, वह भारतीय बाजार पर भी भारी पड़ गया। सेंसेक्स में 2200 अंकों से अधिक की भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी50 लगभग 700 अंकों तक गिर गया। मिडल ईस्ट में युद्ध की संभावनाएं और अमेरिकी फेड के फैसले का डर, भारतीय बाजारों पर भारी पड़ा।
इस दिन की सबसे खास बात यह थी कि इंडिया VIX, जो कि बाजार में डर का एक मीटर माना जाता है, एक ही दिन में 52% की वृद्धि के साथ 20 के स्तर को पार कर गया। यह अगस्त 2015 के बाद से सबसे बड़ा एक-day spike था। विशेषज्ञों का मानना है कि जब VIX इतना ऊंचा होता है, तो इसका मतलब है कि बाजार में गिरावट के आसार बढ़ जाते हैं। प्रकाश दीवान, एक बाजार विशेषज्ञ, ने कहा, “यह सप्ताह कठिन रहने वाला है। हमें ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि हमारे बाजारों में स्टॉक स्पेसिफिक एक्टीविटी पर मामला रहें।”
500 से अधिक शेयरों में लोअर सर्किट का सामना
सोमवार को बीएसई पर लगभग 500 स्टॉक्स अपने लोअर सर्किट की सीमा तक पहुंचे। इनमें रिलायंस पावर, जयप्रकाश पावर वेंचर्स, कोचीन शिपयार्ड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज और स्वान एनर्जी जैसे प्रमुख शेयर शामिल थे। इन सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट ने निवेशकों के बीच और चिंता फैला दी।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती में देरी की आशंका के चलते बाजार में गिरावट आई। इस दहशत के चलते मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 4 प्रतिशत तक की गिरावट आई। यह स्थिति निवेशकों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें अपने पोर्टफोलियोज़ पर ध्यान देना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।
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इस भयावह दिन ने भारतीय निवेशकों को एक बार फिर यह याद दिला दिया कि बाजार की चाल Unpredictable होती है। आज के हालात ने यह सिद्ध कर दिया कि कभी-कभी केवल एक दिन में ही हालात बदल सकते हैं। ऐसे में निवेशकों को चाहिए कि वे अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर लें और किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचें।
कुल मिलाकर, यह सप्ताह भारतीय बाजार में कठिनाइयों का सामना करेगा, लेकिन निवेशकों के लिए यह भी एक सीख है कि संयम और सावधानी से ही अच्छे निवेश के निर्णय लिए जा सकते हैं। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में बाजार कैसे प्रतिक्रिया करता है। क्या यह स्थिति फिर से सामान्य होगी या निवेशकों को और भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा?